सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

भारत के प्रधानमंत्री

भारत के प्रधानमंत्री


नामकार्यकाल आरंभकार्यकाल समाप्तराजनैतिक दलजन्म स्थानचुनाव क्षेत्र
नरेन्द्र मोदी26 मई, 2014अभी तकभारतीय जनता पार्टीवड़नगर, गुजरात, भारतवाराणसी, उत्तर प्रदेशवडोदरा, गुजरात
मनमोहन सिंह22 मई, 200917 मई 2014भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसपंजाब प्रान्त के एक गाँव (अब पाकिस्तानमें)असम राज्यसभा से
मनमोहन सिंह22 मई, 200422 मई, 2009भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसपंजाब प्रान्त के एक गाँव (अब पाकिस्तानमें)असम राज्यसभा से
अटल बिहारी वाजपेयी19 मार्च, 199822 मई, 2004भारतीय जनता पार्टीग्वालियर, मध्य प्रदेशलखनऊ, उत्तर प्रदेश
इंद्रकुमार गुज़राल21 अप्रेल, 199719 मार्च, 1998जनता दलझेलम (अब पाकिस्तान में)जलंधर, पंजाब
एच डी देवगौड़ा1 जून, 199621 अप्रेल, 1997जनता दलहरदानाहल्ली, कर्नाटककनकपुरा; हसन, कर्नाटक
अटल बिहारी वाजपेयी16 मई, 19961 जून, 1996भारतीय जनता पार्टीग्वालियर, मध्य प्रदेशलखनऊ, उत्तर प्रदेश
नरसिंह राव21 जून, 199116 मई, 1996भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसकरीमनगर, आंध्र प्रदेशनंडयाल, आंध्र प्रदेश
चंद्रशेखर10 नवंबर, 199021 जून, 1991जनता दलइब्राहिमपट्टी, उत्तर प्रदेशबलिया, उत्तर प्रदेश
विश्वनाथ प्रताप सिंह2 दिसम्बर, 198910 नवंबर, 1990जनता दलइलाहाबाद, उत्तर प्रदेशफतेहपुर, उत्तर प्रदेश
राजीव गान्धी31 अक्टूबर,19842 दिसम्बर, 1989कांग्रेस आईमुंबई, महाराष्ट्रअमेठी, उत्तर प्रदेश
इन्दिरा गान्धी14 जनवरी, 198031 अक्टूबर,1984भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसइलाहाबाद, उत्तर प्रदेशरायबरेली, उत्तर प्रदेश; मेडक, आंध्र प्रदेश
चौधरी चरण सिंह28 जुलाई, 197914 जनवरी, 1980जनता पार्टीमेरठ, उत्तर प्रदेशबागपत, उत्तर प्रदेश
मोरारजी देसाई24 मार्च, 197728 जुलाई, 1979जनता पार्टीभदेली, गुजरातसूरत, गुजरात
इन्दिरा गान्धी24 जनवरी, 196624 मार्च, 1977भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसइलाहाबाद, उत्तर प्रदेशरायबरेली, उत्तर प्रदेश; मेडक, आंध्र प्रदेश
गुलजारीलाल नंदा11 जनवरी, 196624 जनवरी, 1966भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेससियालकोट, पंजाबमुंबई, महाराष्ट्र
लालबहादुर शास्त्री9 जून, 196411 जनवरी, 1966भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसमुगलसराय, उत्तर प्रदेशइलाहाबाद, उत्तर प्रदेश
गुलजारीलाल नंदा27 मई, 19649 जून, 1964भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेससियालकोट, पंजाबमुंबई, महाराष्ट्र
जवाहरलाल नेहरू15 अगस्त, 194727 मई, 1964भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेसइलाहाबाद, उत्तर प्रदेशइलाहाबाद,उत्तर प्रदेश; फूलपूर (इलाहाबाद),उत्तर प्रदेश

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ छत्तीसगढ़ के बारे में मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ 1 नवंबर 2000 को भारत का एक नया राज्य बना।  छत्तीसगढ़ का कुल क्षेत्र  135,191 वर्ग किमी है जो कि मध्य प्रदेश का सिर्फ 30 प्रतिशत है। इस नए राज्य की मांग सन् 1924 में रायपुर जिला कांग्रेस की बैठक से उठी थी, जहां अलग छत्तीसगढ़ राज्य बनाने का विचार रखा गया था। इस बैठक में आए नेताओं का विचार था कि छत्तीसगढ़ ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रुप से मध्य प्रदेश से बहुत अलग है।  इस राज्य की राजधानी रायपुर है और इसका उच्च न्यायालय बिलासपुर में है। छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं। छत्तीसगढ़ की विधान सभा में 90 सदस्य हैं। इस राज्य से 11 सदस्य लोक सभा और पांच सदस्य राज्य सभा में जाते हैं।  छत्तीसगढ़ का इतिहास छत्तीसगढ़ का पहले नाम दक्षिण कोशल  था और इसका इतिहास 4 शताब्दी ईस्वी तक पुराना है। इसका पौराणिक इतिहास रामायण और महाभारत काल तक से जुड़ा है। हैहय राजवंश ने छत्तीसगढ़ पर 14वीं सदी के आसपास लगभग छह सदियों तक राज किया। मध्य युग में चालुक्य साम्राज्य ने खुद को बस्तर में स्थापित किया। अन्नमदेव नाम के पहले चालुक्य शासक थे,

मानव के पाचन तंत्र आहार नाल और सहयोगी ग्रंथियाँ

मानव के पाचन तंत्र आहार नाल और सहयोगी ग्रंथियाँ भोजन सभी सजीवों की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। हमारे भोजन के मुख्य अवयव कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन एवं वसा हैं। अल्प मात्रा में विटामिन एवं खनिज लवणों की भी आवश्यकता होती है। भोजन से ई…र्जा एवं कई कच्चे कायिक पदार्थ प्राप्त होते हैं जो वृद्धि एवं ई…तकों के मरम्मत के काम आते हैं। जो जल हम ग्रहण करते हैं, वह उपापचयी प्रक्रियाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है एवं शरीर के निर्जलीकरण को भी रोकता है। हमारा शरीर भोजन में उपलब्ध जैव-रसायनों को उनके मूल रूप में उपयोग नहीं कर सकता। अत: पाचन तंत्र में छोटे अणुओं में विभाजित कर साधारण पदार्थों में परिवर्तित किया जाता है। जटिल पोषक पदार्थों को अवशोषण योग्य सरल रूप में परिवर्तित करने की इसी क्रिया को पाचन कहते हैं और हमारा पाचन तंत्र इसे याँत्रिक एवं रासायनिक विधियों द्वारा संपन्न करता है। मनुष्य का पाचन तंत्र चित्र  में दर्शाया गया है। 1 पाचन तंत्र मनुष्य का पाचन तंत्र आहार नाल एवं सहायक ग्रंथियों से मिलकर बना होता है। 1-1 आहार नाल आहार नाल अग्र भाग में मुख से प्रारंभ होकर पश्च भ

वेदान्त

वेदान्त भारतीय चिन्तन धारा में जिन दर्शनों की परिगणना विद्यमान है, उनमें शीर्ष स्थानीय दर्शन कौन सा है ? ऐसी जिज्ञासा होने पर एक ही नाम उभरता है, वह है-वेदान्त। यह भारतीय दर्शन के मन्दिर का जगमगाता स्वर्णकलश है- दर्शनाकाश का देदीप्यमान सूर्य है। वेदान्त की विषय वस्तु, इसके उद्देश्य, साहित्य और आचार्य परम्परा आदि पर गहन चिन्तन करें, इससे पूर्व आइये, वेदान्त शब्द का अर्थ समझें। वेदान्त का अर्थ- वेदान्त का अर्थ है- वेद का अन्त या सिद्धान्त। तात्पर्य यह है- ‘वह शास्त्र जिसके लिए उपनिषद् ही प्रमाण है। वेदांत में जितनी बातों का उल्लेख है, उन सब का मूल उपनिषद् है। इसलिए वेदान्त शास्त्र के वे ही सिद्धान्त माननीय हैं, जिसके साधक उपनिषद् के वाक्य हैं। इन्हीं उपनिषदों को आधार बनाकर बादरायण मुनि ने ब्रह्मसूत्रों की रचना की।’ इन सूत्रों का मूल उपनिषदों में हैं। जैसा पूर्व में कहा गया है- उपनिषद् में सभी दर्शनों के मूल सिद्धान्त हैं। वेदान्त का साहित्य ब्रह्मसूत्र- उपरिवर्णित विवेचन से स्पष्ट है कि वेदान्त का मूल ग्रन्थ उपनिषद् ही है। अत: यदा-कदा वेदान्त शब्द उपनिषद् का वाचक बनता