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हॅंस लीजिए

एक हास्य कवि जी के पास एक नेता आया
बोला हॅंसाने की कला हमें भी सिखाइए
कवि ने कहा कि योगासन है अलग मेरा
सुबह सुबह चार घंटे आप भी लगाइए
बुद्धि तीव्र हो जाएगी नाचने लगेगा मन
सीख लीजिए ना व्यर्थ समय गवांइए
नेताजी ने कहा कविराज बतलाओ योग
कवि बोला यहां आके मुर्गा बन जाइए

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