सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

जून, 2018 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे, जो देते हैं हर तरह के वरदान

रामचरितमानस के 10 चमत्कारी दोहे, जो देते हैं हर तरह के वरदान नवरात्रि में देवी के वि‍भिन्न रूपों की अर्चना की जाकर इच्छापूर्ति हेतु मंत्र प्रयोग किए जाते हैं। जो सर्वसाधारण के लिए थोड़े क्लिष्ट पड़ते हैं। रामचरित मानस के दोहे, चौपाई और सोरठा से इच्‍छापूर्ति की जाती है, जो अपेक्षाकृत सरल है। (1) मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु- 'कवन सो काज कठिन जग माही। जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।' (2) भय व संशय निवृ‍‍त्ति के लिए- 'रामकथा सुन्दर कर तारी। संशय बिहग उड़व निहारी।।' (3) अनजान स्थान पर भय के लिए मंत्र पढ़कर रक्षारेखा खींचे- 'मामभिरक्षय रघुकुल नायक। धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।' (4) भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु- 'सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना। सरनागत बच्छल भगवाना।।' (5) विपत्ति नाश के लिए- 'राजीव नयन धरें धनु सायक। भगत बिपति भंजन सुखदायक।।' (6) रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु- 'दैहिक दैविक भौतिक तापा। राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।' (7) आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु-